अहिंसा प्रेम की अभिव्यक्ति है और प्रेम अपने आप में सबसे बड़ा कानून है।

प्रेम वह नहीं जो केवल पाने की इच्छा करे, प्रेम वह है जो केवल देने में विश्वास रखे। जब प्रेम में अपेक्षाएँ जुड़ जाती हैं, तो वह प्रेम नहीं रहता, बल्कि एक व्यापार बन जाता है। सच्चा प्रेम निःस्वार्थ होता है। यदि