कहीं कोई राष्ट्रीय नेता नजर नहीं आता जो महिलाओं और अन्य वंचित वर्गों के खिलाफ होने वाले अपराधों को लेकर बिना वोट बैंक की चिंता किए लगातार मजबूत पिलर की तरह खड़ा रहे। कभी कभी यह क्षमता कॉंग्रेस नेता राहुल गाँधी के
भारत वैश्विक लैंगिक अंतराल सूचकांक में कहाँ है इसे जाँचने के लिए बस यह जानना जरूरी है कि भारत से नीचे कौन कौन से देश हैं। भारत से नीचे- मोरक्को, क़तर, बेनिन, ओमान, अल्जीरिया, माली, चाड, ईरान, कांगो, पाकिस्तान और अफगानिस्तान हैं।
क्यों पक्षपात है नारी से? मृदा दीप को जलवाकर जी करता है कुछ गाऊँ मैं जंग लगी अपनी संस्कृति को फिर से जामा पहनाऊँ मैं ।। १।। कब्र खोद कर अस्थि संजो मुर्दों में जान पिन्हाऊं मैं द्वापर के नायक पार्थ
अगर मैं यह कहूँ कि यह मीडिया जिसमें बैठा बुद्धिजीवी ‘निष्पक्षता’ के नशे से बाहर ही नहीं निकलना चाहता तो यह गलत नहीं होगा। मेरा मानना है कि अगर ‘निष्पक्षता’ लग्जरी बन गई है तो यह अपराध है…देश के सबसे तेज चलने
रेप और गैंगरेप को लेकर हमारी आधुनिक संवेदनशीलता दिसंबर 2012 को हुए निर्भया गैंगरेप मामले से जुड़ी हुई है। उसके बाद शक्तिमिल(मुंबई), कठुआ, उन्नाव, हाथरस जैसे तमाम कभी न खत्म होने वाली अंतहीन सूची महिलाओं के प्रति समाज की भावनाओं को उजागर
“ऐसा लगता है की हमें जरूरत से ज्यादा सम्मेलन आयोजित करने की आदत है। कुछ सम्मेलनों से बहुत अधिक लाभ मिलता है। लेकिन बड़ी संख्या ऐसे सम्मेलनों की है जो पिछली बातें ही दुहराते हैं और खर्चीले होते हैं। मेरा एक काम
विश्व आर्थिक मंच ने ‘वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट-2021’ जारी करके भारत को पिछले साल के मुक़ाबले 28 पायदान नीचे खिसकाया है, 2020 में भारत में लैंगिक अंतराल की रैंकिंग 112वीं थी और इस साल लैंगिक अंतराल बढ़ा, तो यह रैंकिंग 140वीं हो
आज 8 मार्च 2021 है, किसान आंदोलन के 103 दिन हो गए हैं, पर किसानों की मांगें पूरी नहीं हुई हैं, माहौल ये है कि जिस सरकार से वो मांगे कर रहे हैं उनका पूरा ध्यान बंगाल के चुनाव पर है,
भाजपा के सांसद साक्षी महाराज ने सितंबर 2014 में कहा कि मदरसों में मुस्लिम युवाओं को लव जिहाद के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्हे “सिख लड़की के साथ अफेयर करने के लिए 11 लाख, हिन्दू लड़की के साथ अफेयर करने
भारत के संविधान में अनुच्छेद 52 ने राष्ट्रपति नाम की संस्था का निर्माण किया और अनुच्छेद 53 में इस संस्था को संघ की कार्यपालिका शक्ति का प्रधान बना दिया गया। यह संस्था अलग अलग गणमान्य भारतीयों से गुजरते हुए इस समय श्री