G20, सनातन धर्म और दुनिया के सामने भारत की तस्वीर

वर्ष 2023 के लिए भारत G20 की अध्यक्षता कर रहा है। G20 एक अन्तरसरकारी मंच है जिसमें 19 देशों के अतिरिक्त यूरोपीय संघ (EU) और अफ्रीकी संघ (AU) भी शामिल हैं, इसलिए इसे G21 के रूप में भी संबोधित किया जाता है।

क्या निर्भया मामले से भाषणवादी नेताओं ने कुछ नहीं सीखा?

कहीं कोई राष्ट्रीय नेता नजर नहीं आता जो महिलाओं और अन्य वंचित वर्गों के खिलाफ होने वाले अपराधों को लेकर बिना वोट बैंक की चिंता किए लगातार मजबूत पिलर की तरह खड़ा रहे। कभी कभी यह क्षमता कॉंग्रेस नेता राहुल गाँधी के

लैंगिक पूर्वग्रह कितनी महिलाओं का राजनैतिक सशक्तिकरण करेगा?

भारत वैश्विक लैंगिक अंतराल सूचकांक में कहाँ है इसे जाँचने के लिए बस यह जानना जरूरी है कि भारत से नीचे कौन कौन से देश हैं। भारत से नीचे- मोरक्को, क़तर, बेनिन, ओमान, अल्जीरिया, माली, चाड, ईरान, कांगो, पाकिस्तान और अफगानिस्तान हैं।

शर्म किसे आनी चाहिए, सरकार को या विपक्ष को?

राहुल गाँधी के कैंब्रिज में दिए गए बयान को राष्ट्रविरोधी साबित करने की होड़ मची हुई है। जबकि असलियत यह है कि केन्द्रीय एजेंसियों के बेजा इस्तेमाल और पेगासस के खतरे ने देश के संघीय ढांचे पर जो चोट मारी है वह

प्रशासन यौन अपराधों को युद्धक परिस्थितियों के रूप में क्यों नहीं लेता?

अगर मैं यह कहूँ कि यह मीडिया जिसमें बैठा बुद्धिजीवी ‘निष्पक्षता’ के नशे से बाहर ही नहीं निकलना चाहता तो यह गलत नहीं होगा। मेरा मानना है कि अगर ‘निष्पक्षता’ लग्जरी बन गई है तो यह अपराध है…देश के सबसे तेज चलने

राजनीति : फेसबुकीकरण/यूट्युबीकरण,ट्वीटीकरण

आखिर वो “हम भारत के लोग” ही तो हैं जिनसे संविधान अपनी प्रस्तावना में सर्वाधिक आशा करता है न की पार्टी, राजनेताओं और मंत्रियों से.नागरिक दायित्व कहते हैं कि राजनीति के अपराधीकरण के दौर के बाद अब इस संवेदनशील दौर में, फेसबुकीकरण