हम उन आदर्शों से कितना नीचे गिर गए हैं जो बापू ने हमारे सामने रखे थे: जवाहरलाल नेहरू

विभाजन के पश्चात हुए हिन्दू-मुस्लिम दंगों पर बोलते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू खोखले नारे लगाने वाले उन्मादियों से निराश नजर आ रहे हैं।

मैं आपसे बिना किसी स्क्रिप्ट के बात कर रहा हूं क्योंकि …मेरे पास आजकल लिखने के लिए बहुत कम समय है, हालाँकि मेरा मन बहुत सी घटनाओं से भरा हुआ है।…….आज सुबह, हमारे नेता, हमारे गुरु, महात्मा गांधी, दिल्ली आए, और मैं उन्हे देखने गया, और कुछ देर तक उनके पास बैठा यह सोचता रहा, कि हम उन महान आदर्शों से कितने नीचे गिर गए हैं जो उन्होंने हमारे सामने रखे थे! मैं ग्रामीण इलाकों में जाता हूं और लोगों और उनके हाथों में हर तरह के खतरनाक उपकरण देखता हूं। जब वे मुझे देखते हैं, तो वे चिल्लाते हैं, “जय हिंद” “महात्मा गांधी की जय” “जवाहरलाल की जय”! मुझे ऐसे लोगों से, इन नारों को सुनने में शर्म आती है, जिन्होंने महात्मा जी के नाम पर हत्या, लूट और आगजनी की होगी। ये नारे लगाने से उनके द्वारा किए गए बुरे कर्म नहीं धुलेंगे!

 

 

दंगों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू
(ए.आई.आर., नई दिल्ली, 9 सितम्बर 1947 को प्रसारण)