वैज्ञानिक सोच वाले वैश्विक नेता बदल सकते हैं जलवायु परिवर्तन की लड़ाई की दिशा

इस वर्ष जून की शुरुआत में, मेक्सिको ने अपनी पहली महिला राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम पार्डो को चुनकर इतिहास रचा, जिनकी पृष्ठभूमि भौतिक विज्ञान की है और जो  ऊर्जा इंजीनियरिंग में उन्नत डिग्री वाली वैज्ञानिक हैं।

उनकी जीत के बाद से इस बात पर चर्चा छिड़ गई है कि क्या वैज्ञानिक विशेषज्ञता/ सोच और पेशे वाले नेता दुनिया भर में जलवायु नीतियों को आगे बढ़ाने पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

पूर्व में भी ऐसे नेता रहे हैं जो जलवायु परिवर्तन की के खिलाफ नेतृत्व संभाल चुके हैं और उनकी पृष्ठभूमि वैज्ञानिक की रही है।

उदाहरण के लिए, ब्रिटेन की पूर्व प्रधान मंत्री मार्गरेट थैचर एक प्रशिक्षित रसायनज्ञ थीं, जिन्होंने 1989 में संयुक्त राष्ट्र में एक शक्तिशाली भाषण में ग्लोबल वार्मिंग के बारे में जागरूकता फैलाई थी, जब बहुत से लोग इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहे थे।

इसके बाद जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल हैं, जिन्होंने क्वांटम रसायन विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि के साथ 2015 पेरिस समझौते की वकालत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पहले एक वैज्ञानिक और अब राष्ट्रपति,  क्लाउडिया शीनबाम पार्डो पर्यावरण के मुद्दों पर, वैश्विक मंचों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।