महाराष्ट्र के कृषि मंत्री कोकाटे का ‘रम्मी’ वीडियो वायरल, विपक्ष ने मांगा इस्तीफा

kokate

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे एक नए विवाद में घिर गए हैं, जब विधानसभा सत्र के दौरान मोबाइल फोन पर ऑनलाइन कार्ड गेम ‘जंगल रम्मी’ खेलने का एक वीडियो वायरल हुआ। यह वीडियो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के नेता रोहित पवार द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किया गया और देखते ही देखते राजनीतिक भूचाल का कारण बन गया।

वीडियो में कोकाटे को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान अपने मोबाइल पर व्यस्त देखा गया, जिससे अंदेशा हुआ कि वह रम्मी गेम खेल रहे हैं। रोहित पवार ने इसे लेकर महायुति सरकार पर तीखा हमला करते हुए लिखा,

“जब राज्य में हर दिन 8 किसान आत्महत्या कर रहे हैं, तब कृषि मंत्री के पास रम्मी खेलने का समय है। क्या ऐसे गुमराह मंत्री किसानों के फसल बीमा, कर्जमाफी और उचित समर्थन मूल्य की मांगों का समाधान करेंगे?”

एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने कोकाटे के इस्तीफे की मांग की। दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा,

“तीन महीने में 750 किसानों ने आत्महत्या की है और कृषि मंत्री विधानसभा में गेम खेल रहे हैं। यह शर्मनाक है। उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए, नहीं तो मुख्यमंत्री को उन्हें बर्खास्त करना चाहिए।”

महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता विपक्ष अंबादास दानवे ने भी कोकाटे की आलोचना की और कहा कि राज्य के कई हिस्सों में फसलें बारिश और सूखे से बर्बाद हो रही हैं। ऐसे समय में मंत्री का ऐसा बर्ताव बेहद असंवेदनशील है।

मंत्री कोकाटे ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि वीडियो को गलत संदर्भ में पेश किया गया है। एबीपी माझा से बातचीत में उन्होंने सफाई दी, “मैं यूट्यूब पर सभा की कार्यवाही देख रहा था, तभी ‘जंगल रम्मी’ का विज्ञापन आ गया। उसे स्किप करने में कुछ सेकंड लगे। यह जानबूझकर नहीं हुआ।”

उन्होंने यह भी कहा, “वो रम्मी नहीं, शायद सॉलिटेयर गेम था, जिसे किसी स्टाफ ने फोन में डाला हो। मैं तो रम्मी जानता भी नहीं हूं। क्या आप कभी ऐसे ऐड नहीं देखते?”

हालांकि विपक्ष ने कोकाटे की सफाई को खारिज करते हुए इसे किसानों के प्रति सरकार की उदासीनता का प्रतीक बताया। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार को “किसानों के साथ धोखा” करने वाला बताया और कहा कि जनता को इसका जवाब देना होगा।

बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि इस पर कोई कानूनी कार्रवाई संभव नहीं है, लेकिन मंत्री को चेतावनी दी जा सकती है।

इस विवाद के चलते महायुति सरकार की आलोचना तेज हो गई है और खबर है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। माना जा रहा है कि कोकाटे को मंत्रिमंडल से हटाने का दबाव बढ़ सकता है।

शिवसेना नेता संजय निरुपम ने हालांकि इसे “कोई बड़ा राजनीतिक मुद्दा नहीं” बताया, लेकिन सोशल मीडिया पर जनता का गुस्सा स्पष्ट है। X पर लोग विधायकों की जवाबदेही और सदन की गरिमा पर सवाल उठा रहे हैं।

अब निगाहें मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस पर टिकी हैं कि वे इस राजनीतिक संकट का समाधान कैसे करते हैं। क्या कोकाटे इस्तीफा देंगे या सरकार विपक्ष के दबाव के आगे झुकेगी — यह आने वाले दिनों में साफ होगा।