दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति पर महाभियोग: सिर्फ़ 6 घंटे ‘मार्शल लॉ’ लगाने की क़ीमत चुकाई

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल को मार्शल लॉ लागू करने के कारण देश की नेशनल असेंबली ने महाभियोग के तहत उनके पद से हटा दिया है। यह फैसला 14 दिसंबर 2024 को संसद में हुए मतदान के दौरान लिया गया, जिसमें 300 सदस्यों में से 204 ने महाभियोग के पक्ष में वोट दिया। यह संख्या महाभियोग के लिए आवश्यक दो-तिहाई बहुमत से अधिक है।

महाभियोग के तुरंत बाद राष्ट्रपति यून अपने कर्तव्यों से निलंबित हो गए हैं, और प्रधानमंत्री हान डक-सू कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे। अब यह मामला देश की संवैधानिक अदालत के पास जाएगा, जिसे इस पर फैसला देने के लिए 180 दिनों का समय मिलेगा। अगर अदालत इस फैसले को बरकरार रखती है, तो दक्षिण कोरिया में 60 दिनों के भीतर नए राष्ट्रपति के चुनाव कराने होंगे।

राष्ट्रपति यून ने 3 दिसंबर 2024 को राष्ट्रीय संकट का हवाला देते हुए मार्शल लॉ लागू किया था। हालांकि, इस कदम की तीव्र आलोचना हुई और संसद ने इसे महज छह घंटे में रद्द कर दिया। इस घटना ने देश में व्यापक जन विरोध और राजनीतिक उथल-पुथल को जन्म दिया, जिसके परिणामस्वरूप यह महाभियोग की कार्रवाई हुई।

यह दक्षिण कोरिया के इतिहास में तीसरी बार है जब किसी राष्ट्रपति को महाभियोग का सामना करना पड़ा है। 2004 में राष्ट्रपति रोह मू-ह्यून को महाभियोग का सामना करना पड़ा था, लेकिन बाद में उन्हें संवैधानिक अदालत ने बहाल कर दिया था। वहीं, 2017 में राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे को महाभियोग के बाद पद से हटा दिया गया था।

यह घटना दक्षिण कोरिया में गंभीर राजनीतिक अनिश्चितता का कारण बन गई है, और आने वाले महीनों में देश के राजनीतिक परिदृश्य को यह फैसला काफी प्रभावित करेगा।