डेटा सेंटरों का बिजली उपभोग चेतावनी! आईएमएफ ने बताया, बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को टक्कर दे रहा AI बूम

2030 तक डेटा सेंटरों की अनुमानित बिजली मांग रूस, जापान, ब्राजील और कोरिया से अधिक है, जो जर्मनी के वर्तमान उपयोग के करीब पहुंच गई है।

IMF AI Boom Power crisis

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि 2023 में विश्व भर के डेटा सेंटरों का संयुक्त बिजली मांग दुनिया की कुछ सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बराबर है।

IMF द्वारा जारी किए किए गए नवीनतम डेटा के अनुसार, डेटा सेंटर पहले ही फ्रांस जैसे देशों के बराबर बिजली का उपभोग कर रहे हैं, और अनुमान है कि 2030 तक यह मांग कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के बूम के कारण तीन गुना हो सकती है।
इस इन्फोग्राफिक में डेटा सेंटरों की बिजली मांग (हजारों टेरावाट-घंटे में मापी गई) को प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ तुलना की गई है। चीन सबसे अधिक उपभोग के साथ अग्रणी है, इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत हैं। आश्चर्यजनक रूप से, 2030 तक डेटा सेंटरों की अनुमानित बिजली मांग रूस, जापान, ब्राजील और कोरिया से अधिक है, जो जर्मनी के वर्तमान उपयोग के करीब पहुंच गई है।

इलेक्ट्रिक वाहन(EVs) भी बन रहे हैं चुनौती

रिपोर्ट में 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं का भी उल्लेख है, जो वैश्विक बिजली चुनौती को और बढ़ा रहा है।आईएमएफ ने जोर देकर कहा कि डेटा सेंटरों के उपयोग में वृद्धि, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डिजिटल बुनियादी ढांचे से प्रेरित है, वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति के लिए एक बड़ी चुनौती है। संगठन ने सतत समाधानों, जैसे नाभिकीय ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा, की खोज करने का सुझाव दिया है ताकि इस बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके और पर्यावरणीय प्रभाव को कम किया जा सके। पूरी विश्लेषण आईएमएफ ब्लॉग में उपलब्ध है, जिसने एक्स पर तकनीकी विकास और सतत ऊर्जा नीतियों के बीच संतुलन पर चर्चा शुरू कर दी है।