हेलो! मैं गांधी
“मैं खुद तो बड़ी बड़ी कंपनियों और लंबी-चौड़ी मशीनरी के जरिए उद्योगों के केन्द्रीकरण के विरुद्ध हूँ। यदि बाहर खद्दर और उसके सारे अर्थों को अपना ले, तो मैं यह आशा नहीं छोड़ूँगा कि भारत केवल उतने ही आधुनिक यंत्रों को दाखिल करेगा, जो जीवन की सुख-सुविधाओं के लिए और श्रम बचाने के लिए जरूरी समझे जाएंगे।”