सांप्रदायिक हत्याओं के खिलाफ बदले की भावना से समाज में शांति संभव नहीं है : महात्मा गाँधी

सांप्रदायिक हत्याओं के खिलाफ बदले की भावना से समाज में शांति संभव नहीं है।

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खून का बदला खून से या मुआवजे से कभी नहीं लिया जा सकता। खून का बदला लेने का एकमात्र उपाय यह है कि बदला लेने की कोई इच्छा न रखकर हम खुशी से अपने को बलिदान कर दें। बदले या मुआवजे से व्यक्ति को कुछ संतोष मिल सकता है। मगर मेरी राय है कि उससे समाज में न कभी शान्ति स्थापित हो सकती है और न समाज का उत्थान हो सकता है।

हरिजन, 18/08/1946