रमेश बिधूड़ी ‘घृणित मानसिकता’ से ग्रस्त आदमी हैं!

priyanka gandhi

बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी(Ramesh Bidhuri) ने हाल ही में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा(Priyanka Gandhi) को लेकर एक विवादित बयान दिया। एक जनसभा के दौरान उन्होंने कहा कि अगर उन्हें दिल्ली के कालकाजी क्षेत्र में जीत मिलती है, तो वे वहां की सड़कों को “प्रियंका गांधी के गालों जैसी चिकनी” बना देंगे। यह टिप्पणी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव(Lalu Prasad Yadav) के एक पुराने बयान की तरह है, जिसमें उन्होंने हेमा मालिनी(Hema Malini) के गालों का जिक्र किया था।

कांग्रेस और आप का विरोध:

ramesh bidhuri

  1. Congress की प्रतिक्रिया:
    • कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत(Supriya Srinate) ने इस बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे “शर्मनाक” और महिलाओं के प्रति “घृणित मानसिकता” का परिचायक बताया।
    • उन्होंने रमेश बिधूड़ी के पुराने बयानों का भी हवाला दिया, जिनमें उन्होंने संसद में अभद्र भाषा का प्रयोग किया था।
  2. AAP का जवाब:
    • आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी(Atishi), जो कालकाजी से बिधूड़ी की प्रतिद्वंद्वी हैं, ने इस बयान को भाजपा की “महिला विरोधी मानसिकता” का उदाहरण बताया।
    • उन्होंने सवाल उठाया कि अगर बीजेपी के नेता इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हैं, तो दिल्ली की महिलाएं उनके नेतृत्व में कैसे सुरक्षित महसूस करेंगी?

ramesh bidhuri

रमेश बिधूड़ी का जवाब:

  • विवाद बढ़ने पर उन्होंने पहले अपने बयान का बचाव किया और कहा कि इसी तरह की टिप्पणियां पहले अन्य दलों के नेताओं द्वारा भी की गई हैं।
  • बाद में उन्होंने खेद जताते हुए कहा, “मैं महिलाओं का सम्मान करता हूं और अगर मेरे शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं।”

इस घटना ने नेताओं द्वारा महिलाओं के प्रति इस्तेमाल की जाने वाली भाषा और सार्वजनिक बहस के स्तर को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।

 

रमेश बिधूड़ी, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक प्रमुख नेता और दक्षिण दिल्ली से सांसद, का राजनीतिक करियर विवादों से भरा हुआ है। उनके कई बयानों और कार्यों ने उन्हें सुर्खियों में रखा, लेकिन अक्सर नकारात्मक कारणों से।


 संसद में अभद्र भाषा (सितंबर 2023):

ramesh bidhuri

  • घटना का विवरण:
    संसद में “संविधान दिवस” के अवसर पर चर्चा के दौरान बिधूड़ी ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के सांसद दानिश अली के खिलाफ सांप्रदायिक और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया।

    • उन्होंने “मौलाना” कहकर तंज कसा और कई बार “आतंकवादी” और अन्य अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया।
    • इस घटना का वीडियो वायरल हुआ, जिससे विपक्ष और जनता में भारी आक्रोश पैदा हुआ।
  • प्रतिक्रिया:
    • विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
    • हालांकि, BJP ने उन्हें सिर्फ नोटिस जारी किया, जो कई लोगों ने “सांकेतिक कार्रवाई” बताया।
    • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और BJP के वरिष्ठ नेताओं की चुप्पी को लेकर सवाल उठे।
    • घटना के बाद दानिश अली ने कहा कि अगर संसद में इस तरह का व्यवहार जारी रहेगा, तो अल्पसंख्यक सांसदों के लिए स्थिति और खराब हो जाएगी।

 


2. सांप्रदायिक और विभाजनकारी बयान:

  • बिधूड़ी पर कई बार अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ सांप्रदायिक टिप्पणियां करने के आरोप लगे हैं।
    • उनके भाषण अक्सर सांप्रदायिक टकराव को बढ़ावा देने वाले और विभाजनकारी होते हैं।
    • उन्होंने अपने भाषणों में “भारत को हिंदू राष्ट्र” बनाने जैसे बयान दिए हैं, जो संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ हैं।
  • प्रभाव:
    • उनके बयानों ने अल्पसंख्यक समुदायों में भय और असुरक्षा की भावना को बढ़ाया।
    • मानवाधिकार संगठनों और विपक्षी दलों ने उनकी भाषा और विचारधारा पर सवाल उठाए।

 

रमेश बिधूड़ी का राजनीतिक करियर विवादों और विभाजनकारी भाषणों से भरा हुआ है। उनके बयानों ने उन्हें बीजेपी के कट्टर हिंदुत्ववादी एजेंडे का एक प्रमुख चेहरा बनाया है, लेकिन उनकी भाषा और व्यवहार ने भारतीय राजनीति में शालीनता और गरिमा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। जनता और विपक्ष ने बार-बार उनकी आलोचना की है, लेकिन उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे भारतीय राजनीति में नैतिकता और जवाबदेही पर बहस और गहरी हो गई है।