हमें एक-दूसरे के धर्म की अच्छी बातों को ग्रहण करना चाहिए: महात्मा गाँधी

गाँधी जी की नज़र में धर्म!

धर्म अत्यंत व्यक्तिगत वस्तु है। हमें अपने ज्ञान के अनुसार जीवन व्यतीत करके एक-दूसरे की उत्तम बातें ग्रहण करनी चहिये और इस प्रकार ईश्वर को प्राप्त करने के मानव-प्रयत्नों के कुल योग में वृद्धि करनी चाहिए।

 

 

हरिजन, 28-11-1936