एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को पढ़ने का मौका दिए बिना, उस पर बिना चर्चा के एक सांसद को जल्दबाज़ी में निष्कासित किया गया

  • दोपहर 12 बजे महुआ मोइत्रा मामले में 104 पेज की एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पेश की गई।
  • रिपोर्ट पेश होने के दो घंटे के भीतर (2बजे) एक बहस निर्धारित थी पर एक घंटे बाद ही टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को बोलने का मौका दिए बिना ध्वनि मत से लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित कर दिया गया।
  • किसी अन्य सांसद को रिपोर्ट को विस्तार से पढ़ने और जवाब देने का मौका नहीं दिया गया। मुख्य गवाह दर्शन हीरानंदानी से कोई जिरह नहीं की गई।
  • जब मामला एक सांसद के निष्कासन का हो तो वो बहुत ज्यादा गंभीर हो जाता है, तो निश्चित रूप से निष्पक्ष सुनवाई और उचित प्रक्रिया की आवश्यकता है।