हेलो ! मैं गांधी धर्म अपना प्रचार खुद कर लेता है: महात्मा गाँधीधर्म जीवन में उतारने की चीज है कहने की नहीं। by editor September 7, 2022 Share this Facebook Messenger Twitter Pinterest Linkedin Whatsapp मैं यह नहीं मानता कि एक धर्म के लोगों को दूसरे धर्म के लोगों से, धर्मपरिवर्तन की दृष्टि से, कोई आग्रह करना चाहिए। धर्म में कहने की गुंजाइश नहीं होती। उसे जीवन में उतारना होता है। तब वह अपना प्रचार स्वयं कर लेता है। यंग इंडिया; 20-10-1927 Share this Facebook Messenger Twitter Pinterest Linkedin Whatsapp You might be interested in March 3, 2025 महिलाओं को अपने जीवन के निर्णय खुद लेने का अधिकार मिलना चाहिये January 26, 2025 अगर हमारे अपने शासक भी अन्याय और शोषण करें, तो वह स्वराज नहीं है। January 6, 2025 जिस समाज में अस्पृश्यता का प्रचलन है, वह समाज सभ्य नहीं! December 4, 2024 हिंसा के रास्ते शांति स्थापित करना, एक असंभव विचार है।