हेलो ! मैं गांधी धर्म अपना प्रचार खुद कर लेता है: महात्मा गाँधीधर्म जीवन में उतारने की चीज है कहने की नहीं। by editor September 7, 2022 Share this Facebook Messenger Twitter Pinterest Linkedin Whatsapp मैं यह नहीं मानता कि एक धर्म के लोगों को दूसरे धर्म के लोगों से, धर्मपरिवर्तन की दृष्टि से, कोई आग्रह करना चाहिए। धर्म में कहने की गुंजाइश नहीं होती। उसे जीवन में उतारना होता है। तब वह अपना प्रचार स्वयं कर लेता है। यंग इंडिया; 20-10-1927 Share this Facebook Messenger Twitter Pinterest Linkedin Whatsapp You might be interested in August 22, 2024 सबसे अच्छा और कारगर तो यह है कि बिल्कुल बचाव न किया जाए, बल्कि अपनी जगह पर कायम रहा जाए। August 13, 2024 हम जिन साधनों को अपना रहे हैं, उनमें हमारी अटल श्रद्धा होनी चाहिये। August 6, 2024 पैगंबरों और अवतारों ने हमें अहिंसा का पाठ पढ़ाया है, एक भी पैगंबर ने हिंसा की शिक्षा देने का दावा नहीं किया। August 5, 2024 अनियंत्रित व्यक्तिवाद जंगली जानवरों का कानून है। हमें व्यक्तिगत स्वातंत्र्य और सामाजिक संयम के बीच के रास्ते पर चलना सीखना होगा।
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