मैं व्यक्तिगत स्वतंत्रता की कीमत करता हूँ, परन्तु आपको यह नहीं भूलना चाहिये कि मनुष्य मुख्यतः एक सामाजिक प्राणी है। अपने व्यक्तिवाद को सामाजिक प्रगति की आवश्यकताओं के अनुकूल बनाना सीखकर वह अपने मौजूदा ऊंचे दर्ज पर पहुंचा है। अनियंत्रित व्यक्तिवाद जंगली जानवरों का कानून है। हमें व्यक्तिगत स्वातंत्र्य और सामाजिक संयम के बीच के रास्ते पर चलना सीखना होगा। सारे समाज की भलाई के लिए सामाजिक संयम को खुशी से मानना व्यक्ति और समाज – जिसका व्यक्ति सदस्य है – दोनोंको समृद्ध करता है।
हरिजन -27/05/1939