अहिंसा कमजोरी की निशानी नहीं है, बल्कि यह सबसे बड़ा नैतिक साहस है। हिंसा करना बहुत आसान है, लेकिन सच्चा साहस तब है जब आप हिंसा का सामना करते हुए भी शांत रहते हैं। अहिंसा का मतलब यह नहीं कि हम कायर बनें। अहिंसा का असली अर्थ है, किसी भी स्थिति में प्रेम और सत्य को बनाए रखना। आपके साहस की परीक्षा तब होती है जब आपके पास हिंसा का मार्ग खुला हो, लेकिन आप उसे त्यागकर अहिंसा का मार्ग अपनाते हैं। हिंसा से अस्थायी जीत भले ही प्राप्त की जा सकती है, लेकिन अहिंसा से स्थायी समाधान निकलता है। अहिंसा हमें हमारी आत्मा के सबसे निकट लाती है और हमारे भीतर नैतिक शक्ति का विकास करती है।
हरिजन, 1936