काले कोट का ‘तक्षक’ !

न्याय व्यवस्था और राजनीति में वैधानिक सामंजस्य बन रहा है या भय का कीर्तिमान ?

Credit: Quint

 

 


विधान का ‘भगवान’


 

 

झंडे की ‘बिरादरी’ के कुछ लोगों ने,
‘विधान’ के भगवान, इंसान, को घायल कर दिया है,
इंसान का अपमान, विधान में विराजमान,
देश के ‘प्रधान’ के धृणा अनुसंधान का परिणाम है।

 

विधान का संरक्षक, काले कोट का ‘तक्षक’,
प्रधान का रक्षक, इंसान, पर विराजमान संकट ,
को स्वीकार ही नहीं कर रहा क्यों कि,
कोट का इंसान ‘लोया’ के परिणाम से भय में है।

 

 

– रामलखन ‘क़हर’ 

@Qaharpoetry