धर्म और राजनीति का संबंध बहुत ही नाजुक है। मेरा मानना है कि राजनीति का आधार नैतिकता और धर्म होना चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम धर्म के नाम पर भेदभाव करें। धर्म का उद्देश्य मानवता की सेवा करना है,
सभी धर्म एक ही सत्य के विभिन्न रूप हैं। हमें किसी भी धर्म के प्रति पूर्वग्रह नहीं रखना चाहिए। सच्ची धार्मिकता वह है जो हमें अन्य धर्मों का सम्मान करना सिखाती है और हमें मानवता की सेवा की ओर प्रेरित करती है।
अहिंसा कमजोरी की निशानी नहीं है, बल्कि यह सबसे बड़ा नैतिक साहस है। हिंसा करना बहुत आसान है, लेकिन सच्चा साहस तब है जब आप हिंसा का सामना करते हुए भी शांत रहते हैं। अहिंसा का मतलब यह नहीं कि हम कायर
भारतीय संस्कृति का मूलभूत सिद्धांत अहिंसा, सत्य और धर्म पर आधारित है। यह संस्कृति हमें मानवता के प्रति करुणा, प्रेम और सेवा का मार्ग दिखाती है। हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हमारी संस्कृति ने दुनिया को अनेक मूल्यों
अंतर-जातीय विवाह समाज में जातिगत भेदभाव को समाप्त करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। जब तक हम जातियों के बीच विवाह को स्वीकार नहीं करते, तब तक समाज में जातिगत भेदभाव बना रहेगा। जाति के आधार पर विवाह न करने की परंपरा,
रतन टाटा का नाम जब भी लिया जाता है, तो एक ऐसे उद्योगपति का चेहरा सामने आता है जिसने न केवल टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि समाज के सबसे जरूरतमंद वर्गों की मदद के लिए हमेशा आगे रहे। उनकी
भारत के महान उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष, रतन टाटा का निधन हो गया। देश भर में इस खबर से गहरा शोक फैला हुआ है। रतन टाटा, जिन्हें आधुनिक भारत के निर्माण में उनके योगदान के लिए जाना जाता है,
मैं अहिंसा के द्वारा, घृणा के विरुद्ध प्रेम की शक्ति का उपयोग करके लोगों को अपने विचार का बनाकर, आर्थिक समता सम्पादन करूंगा। मैं तब तक ठहरा नहीं रहूंगा जब तक सारे समाज को बदल कर अपने खयाल का न बना