दिल्ली शराब नीति घोटाले से संबंधित ईडी मामले में पेरनोड रिकार्ड इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक बेनॉय बाबू को जमानत दे दी। कोर्ट ने कहा कि आप मुकदमे से पहले लोगों को इतने लंबे समय तक सलाखों के पीछे नहीं रख सकते। यह
जब से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कॉंग्रेस नेता राहुल गाँधी ने ‘जातिगत जनगणना’ की चर्चा शुरू की है तब से लगातार पिछड़ा वर्ग(OBC) को लेकर राजनीतिक चर्चा गरम बनी हुई है। अब तमाम नेता खोज-खोजकर ऐसे लोगों से मिल रहे
धर्म अत्यंत व्यक्तिगत वस्तु है। हमें अपने ज्ञान के अनुसार जीवन व्यतीत करके एक-दूसरे की उत्तम बातें ग्रहण करनी चहिये और इस प्रकार ईश्वर को प्राप्त करने के मानव-प्रयत्नों के कुल योग में वृद्धि करनी चाहिए। हरिजन, 28-11-1936
‘लोकदेव नेहरू’ में दिनकर लिखते हैं- राजनीति की परिभाषा आसान नहीं है। राजनीति युद्ध भी है और शान्ति भी, हिंसा भी है और अहिंसा भी, सिधाई भी है और छल-प्रपंच भी। युद्ध राजनीति की उस अवस्था को कहते हैं, जब वह लोहू
दिल्ली विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में अध्यापनरत अनामिका जी को उनके काव्य संग्रह “टोकरी में दिगंत” के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। ‘खुरदरी हथेलियाँ’, ‘गलत पते की चिट्ठी’ जैसे कविता संग्रहों के अलावा ‘लालटेन बाजार’ और ‘दस द्वारे
राहुल गाँधी की लोकसभा सदस्यता बहाल, अधिसूचना जारी! मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए प्रत्येक 75 मणिपुरी पर एक सुरक्षाकर्मी लगाया गया है, फिर भी जारी है हिंसा। “हिंदू धर्म कोई धर्म है ही नहीं, भाजपा केवल ब्राह्मण
“अगर आप में हिम्मत है तो मणिपुर की उन महिलाओं से राखी बंधवाइए जिन्हें नग्न कर के घुमाया गया और बिलकिस बानो (गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान गैंगरेप की पीड़िता) से बंधवाइए।” यह बात महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे
जनता की राय के अनुसार चलने वाला राज्य जनमत से आगे बढ़कर कोई काम नहीं कर सकता। यदि वह जनमत के खिलाफ जाए तो नष्ट हो जाएगा। अनुशासन और विवेकयुक्त जनतंत्र दुनिया की सबसे सुन्दर वस्तु है। लेकिन राग-द्वेष, अज्ञान और अन्ध-विश्वास
…अब भी, जब मैं यहां इलाहाबाद में एक लंबे अंतराल के बाद आपके सामने खड़ा हूं, तो मैं खुद को यह कहने के लिए नहीं ला सकता कि मैं संसद के लिए खड़ा हूं और आप मुझे वोट दें, नहीं तो मैं
गदर आंदोलन(1913) के ज्यादातर नेता व कार्यकर्ता सिख थे, लेकिन अखबार व ‘गदर की गूंज’ कविता संग्रह ने जिस विचारधारा का प्रचार किया, उसका चरित्र मूलतः धर्मनिरपेक्ष था। गदर आंदोलन के दौरान गदर पत्र का सम्पादन शुरू किया गया। इसमें छपी कविताओं