अहिंसा प्रेम की अभिव्यक्ति है और प्रेम अपने आप में सबसे बड़ा कानून है।

प्रेम वह नहीं जो केवल पाने की इच्छा करे, प्रेम वह है जो केवल देने में विश्वास रखे। जब प्रेम में अपेक्षाएँ जुड़ जाती हैं, तो वह प्रेम नहीं रहता, बल्कि एक व्यापार बन जाता है। सच्चा प्रेम निःस्वार्थ होता है। यदि

जो समाज के प्रति उत्तरदायी न बना सके वह शिक्षा व्यर्थ है

शिक्षा केवल अंग्रेज़ी भाषा में नहीं होनी चाहिए। हमें अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए, क्योंकि यही हमारी संस्कृति और परंपरा को बनाए रख सकती है। हमें ऐसी शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता है जो हमें हमारे समाज की समस्याओं को समझने

महिलाओं को अपने जीवन के निर्णय खुद लेने का अधिकार मिलना चाहिये

  भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति अत्यंत दयनीय है। महिलाओं के बिना कोई समाज उन्नति नहीं कर सकता। एक ओर हम उन्हें देवी का स्थान देते हैं, और दूसरी ओर उनके साथ अछूतों जैसा व्यवहार करते हैं। महिलाओं को समाज में

अगर हमारे अपने शासक भी अन्याय और शोषण करें, तो वह स्वराज नहीं है।

स्वराज का अर्थ केवल अंग्रेज़ी हुकूमत से मुक्ति नहीं है। यह एक ऐसा राज्य है, जिसमें हर व्यक्ति को अपने अस्तित्व का अर्थ समझने का अवसर मिले। स्वराज आत्म-नियंत्रण है, यह आत्म-साक्षात्कार है। इसका मतलब यह नहीं कि हम केवल बाहरी शासकों

जिस समाज में अस्पृश्यता का प्रचलन है, वह समाज सभ्य नहीं!

  अस्पृश्यता का उन्मूलन मेरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। यह मानवता पर एक कलंक है। जिस समाज में अस्पृश्यता का प्रचलन है, वह समाज सच्चे अर्थों में सभ्य नहीं हो सकता। अस्पृश्यता केवल एक सामाजिक समस्या नहीं है, यह हमारे

पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या छत्तीसगढ़ सरकार पर एक कलंक!

भारत में पत्रकारों के सामने बढ़ते खतरों की एक और कड़ी में, छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर 2 जनवरी 2025 को संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए। चंद्राकर, जो स्थानीय भ्रष्टाचार और प्रशासनिक मुद्दों पर अपनी निडर रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते

श्याम बेनेगल: भारतीय सिनेमा के महानायक का निधन

सोमवार 23 दिसंबर को, भारत के गाँव की ‘भूमिका’ पर ‘मंथन’ के ‘अंकुर’ पैदा करने वाले भारतीय सिनेमा के ‘त्रिकाल’ और ‘सरदार’ श्याम बेनेगल का 90 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। भारतीय सिनेमा के महान निर्देशक, पटकथा लेखक और समानांतर

ज़ाकिर हुसैन: एक था जादूगर

प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि भारत के करोड़ों लोगों ने टेबल को ज़ाकिर हुसैन के नाम से ही जाना है। भारत में यह वाद्ययंत्र बिना जाकिर हुसैन के अधूरा है। 15 दिसंबर की रात यह फनकार इस धरती से विदा हो गया।

‘एक देश, एक चुनाव’: मोदी सरकार की एक साजिश?

‘एक देश, एक चुनाव’ (One Nation, One Election) विधेयक मंत्रिपरिषद से पास हो चुका है। आज इसे लोकसभा में पेश किया जाएगा।’एक देश, एक चुनाव’ के पीछे मोदी सरकार की मंशा को लेकर अलग-अलग दृष्टिकोण सामने आते हैं। इसके समर्थक इसे विकास

हिंसा के रास्ते शांति स्थापित करना, एक असंभव विचार है।

शांति केवल बाहरी स्थिति का नाम नहीं है, यह एक आंतरिक अवस्था है। यह हमारे हृदय में बसती है। यदि हम हिंसा को अपनाकर शांति स्थापित करना चाहते हैं, तो यह एक असंभव विचार है। हिंसा से केवल अस्थायी समाधान मिलता है,

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