जब से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कॉंग्रेस नेता राहुल गाँधी ने ‘जातिगत जनगणना’ की चर्चा शुरू की है तब से लगातार पिछड़ा वर्ग(OBC) को लेकर राजनीतिक चर्चा गरम बनी हुई है। अब तमाम नेता खोज-खोजकर ऐसे लोगों से मिल रहे
धर्म अत्यंत व्यक्तिगत वस्तु है। हमें अपने ज्ञान के अनुसार जीवन व्यतीत करके एक-दूसरे की उत्तम बातें ग्रहण करनी चहिये और इस प्रकार ईश्वर को प्राप्त करने के मानव-प्रयत्नों के कुल योग में वृद्धि करनी चाहिए। हरिजन, 28-11-1936
‘लोकदेव नेहरू’ में दिनकर लिखते हैं- राजनीति की परिभाषा आसान नहीं है। राजनीति युद्ध भी है और शान्ति भी, हिंसा भी है और अहिंसा भी, सिधाई भी है और छल-प्रपंच भी। युद्ध राजनीति की उस अवस्था को कहते हैं, जब वह लोहू
दिल्ली विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में अध्यापनरत अनामिका जी को उनके काव्य संग्रह “टोकरी में दिगंत” के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। ‘खुरदरी हथेलियाँ’, ‘गलत पते की चिट्ठी’ जैसे कविता संग्रहों के अलावा ‘लालटेन बाजार’ और ‘दस द्वारे
वर्ष 2023 के लिए भारत G20 की अध्यक्षता कर रहा है। G20 एक अन्तरसरकारी मंच है जिसमें 19 देशों के अतिरिक्त यूरोपीय संघ (EU) और अफ्रीकी संघ (AU) भी शामिल हैं, इसलिए इसे G21 के रूप में भी संबोधित किया जाता है।
“बहरों को सुनाने के लिए धमाके की जरूरत होती है” फ्रेंच क्रांति के ऑगस्ट वेलिएंट द्वारा कहे इस वाक्य से प्रेरित होकर भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल 1929 को असेंबली में बम फेंककर इसी वाक्य को दोहराया जिसका शोर
राहुल गाँधी की लोकसभा सदस्यता बहाल, अधिसूचना जारी! मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए प्रत्येक 75 मणिपुरी पर एक सुरक्षाकर्मी लगाया गया है, फिर भी जारी है हिंसा। “हिंदू धर्म कोई धर्म है ही नहीं, भाजपा केवल ब्राह्मण
“अगर आप में हिम्मत है तो मणिपुर की उन महिलाओं से राखी बंधवाइए जिन्हें नग्न कर के घुमाया गया और बिलकिस बानो (गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान गैंगरेप की पीड़िता) से बंधवाइए।” यह बात महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे