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Gandhi
हेलो ! मैं गांधी

अनियंत्रित व्यक्तिवाद जंगली जानवरों का कानून है: महात्मा गाँधी

मैं व्यक्तिगत स्वतंत्रता की कीमत करता हूँ, परंतु आप को यह नहीं भूलना चाहिए कि मनुष्य मुख्यतः एक सामाजिक प्राणी है। अपने व्यक्तिवाद को सामाजिक प्रगति की आवश्यकताओं के अनुकूल बनाना सीखकर वह अपने मौजूदा ऊँचे दर्जे पर पहुँचा है। अनियंत्रित व्यक्तिवाद

August 13, 2022
Gandhi
हेलो ! मैं गांधी

अधिक धन चाहने का वास्तविक अर्थ है ‘मनुष्यों पर सत्ता’: महात्मा गाँधी

असल में धन के नाम से जो चीज़ चाही जाती है वह है मनुष्यों पर सत्ता। सीधे-सादे शब्दों में उसका अर्थ है, वह सत्ता जिससे हमें अपने लाभ के लिए नौकर, व्यापारी और कलाकार का श्रम मिल जाए। इसलिए साधारण अर्थ में

August 10, 2022
gandhi
हेलो ! मैं गांधी

आर्थिक समानता का अर्थ है कुदरती आवश्यकताओं की सुनिश्चित पूर्ति: महात्मा गाँधी

आर्थिक समानता का सच्चा अर्थ है जगत के सब मनुष्यों के पास एक समान संपत्ति का होना, यानी सबके पास इतनी संपत्ति होना, जिससे वे अपनी कुदरती आवश्यकताएँ पूरी कर सकें। कुदरत ने एक आदमी का हाजमा अगर नाजुक बनाया हो और

August 7, 2022
nehru gandhi irwin
विविध

गाँधी-इरविन समझौते से नेहरू बहुत दुखी थे: राजेन्द्र प्रसाद

(गाँधी-इरविन समझौते,1931 को लेकर) महात्माजी को उधर लार्ड इरविन के साथ उसके प्रत्येक शब्द पर विचार करना पड़ता और इधर हम लोगों के साथ भी। लार्ड इरविन और महात्माजी, दोनों ही, बहुत ही सहिष्णुता और धीरज के साथ, समझौते के मसविदे को

August 6, 2022
गरलॉजिक्स

लैंगिक पूर्वग्रह कितनी महिलाओं का राजनैतिक सशक्तिकरण करेगा?

भारत वैश्विक लैंगिक अंतराल सूचकांक में कहाँ है इसे जाँचने के लिए बस यह जानना जरूरी है कि भारत से नीचे कौन कौन से देश हैं। भारत से नीचे- मोरक्को, क़तर, बेनिन, ओमान, अल्जीरिया, माली, चाड, ईरान, कांगो, पाकिस्तान और अफगानिस्तान हैं।

July 31, 2022
gandhi
हेलो ! मैं गांधी

कोई भी जन्म से अछूत नहीं हो सकता: महात्मा गाँधी

“कोई भी जन्म से अछूत नहीं हो सकता, क्योंकि सभी उस एक आग की चिंगारियाँ हैं। कुछ मनुष्यों को जन्म से अस्पृश्य समझना गलत है। यह व्रत केवल ‘अछूतों’ से मित्रता करके ही पूरा नहीं हो जाता, इसमें सभी प्राणियों को आत्मवत

July 31, 2022
साहित्य

‘आचारसंहिता का इतना, नाजायज उपभोग किया’ / कविता

कोलाहल   ऐ कविता तुमको कसम मेरी दृग शबनम से अभिनंदन कर झूठी श्लाघा का परित्याग कर नंदन वन मे बंदन् कर।। 1।। तुमसे यह आशा नहीं कि तुम सोने का हार पहन डोलो गावों से लेकर संसद तक अनुशासन पर खुलकर

July 30, 2022
gandhi
हेलो ! मैं गांधी

‘यदि हिन्दू गाय को बचाने के लिए मुसलमान की हत्या करें, तो यह जबरदस्ती के सिवा और क्या है?’: महात्मा गाँधी

हिन्दू, मुसलमान, ईसाई, सिख, पारसी आदि को अपने मतभेद हिंसा का आश्रय लेकर और लड़ाई-झगड़ा करके नहीं निपटाने चाहिए।. . . हिन्दू और मुसलमान मुँह से तो कहते हैं कि धर्म में जबरदस्ती को कोई स्थान नहीं है। लेकिन यदि हिन्दू गाय

July 28, 2022
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विविध

nehru dinkar

राजनीति जहाँ वह कठोर होती है, वहाँ वह तानाशाही समझी जाती है: दिनकर

November 9, 2023

मैं अपना बचाव करने या आपके वोट के लिए याचना करने के लिए तैयार नहीं हूं: पं. जवाहरलाल नेहरू

July 21, 2023

‘हमें पंडितों और मुल्लाओं की जरूरत नहीं’

July 18, 2023

“आइए, हम सब वृहत्तर हित के लिए अपनी पूरी ताक़त लगा दें।”: इंदिरा गाँधी

July 15, 2023

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